PVR Multiplex: हर भारतीय परिवार सिनेमा हाल में जाकर मूवी का मजा लेना चाहता है. लेकिन हाल के वर्षों में सिनेमा हाल में मूवी देखना जेब पर भारी पड़ रहा है. क्योंकि कोरोना काल के बाद मूवी का टिकट तो महंगा हुआ ही है साथ में मल्टीप्लेक्स में मिलने वाला स्नैक्स भी बहुत महंगा हो गया है. और वीकेंड पर तो मूवी देखने जाना जेब पर और ज्यादा भारी पड़ता है. चार लोगों के एक परिवार के लिए मल्टीप्लेक्स में मूवी देखने पर 1500 से 3000 रुपये तक खर्च आता है.
जब भी कोई फैमिली मल्टीप्लेक्स में सिनेमा देखने जाता है तो पॉपकॉर्न उसका पंसदीदा स्नैक्स होता है. पर महंगा पॉपकॉर्न लोगों के पहुंच से बाहर होता जा रहा है. जिसके चलते मल्टीप्लेक्स लोगों के निशाने पर है. लेकिन इस मुद्दे पर पीवीआर के एमडी अजय बिजली ने सफाई भी दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि पॉपकॉर्न के महंगे होने पर आलोचना करने को गलत नहीं ठहराया जा सकता है. लेकिन मल्टीप्लेक्स में मिलने वाले फूड एंड ब्रेवरेज की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि जब हम सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेक्स की ओर बढ़ रहे हैं तो ऐसे में मल्टीप्लेक्सों का ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ा है. इस महंगे कॉस्ट को कवर करने के लिए स्नैक्स की कीमतें बढ़ानी पड़ी है. अजय बिजली के मुताबिक मल्टीप्लेक्स में फूड एंड ब्रेवरेज बिजनेस 1500 करोड़ रुपये का है. एक मल्टीप्लेक्स में कई स्क्रीन होते हैं जिससे खर्च 4 से 6 गुना तक बढ़ जाता है. मल्टीप्लेक्स में मल्टीपल प्रोजेक्शन रूम से लेकर साउंड सिस्टम होते हैं जिसपर अतिरिक्त खर्च आता है.
वहीं हाल के दिनों में लगातार फ्लाप हो रही हिंदी फिल्मों ने भी मल्टीप्लेक्स कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा और अक्षय कुमार की रक्षा बंधन फ्लॉप हो गई. लाल सिंह चड्ढा 210 करोड़ रुपये की लागत से बनी थी लेकिन 45 करोड़ ही बॉक्स ऑफिस पर जुटा पाई है. रक्षा बंधन 120 करोड़ रुपये की लागत से बनी जो अब तक केवल 35 करोड़ रुपये जुटा पाई है. बालीवुड मूवी के प्रति बेरुखी ने भी मल्टीप्लेक्सों कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है.
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