Relief From Inflation Likely: आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई दर अपने चरम पर पहुंच चुका है और अगले दो वर्षों में महंगाई दर को कम कर 4 फीसदी के करीब लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक हर आने वाले आंकड़े पर पैनी नजर बनाये हुए है. आरबीआई गर्वनर ने कहा कि बिना ग्रोथ को नुकसान पहुंचाये हम धीरे-धीरे 4 फीसदी महंगाई दर के लक्ष्य को जरुर हासिल करेंगे.
दरअसल खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में 7.79 फीसदी पर जा पहुंचा था जो आरबीआई के टोलरेंस लेवल से बहुत ऊपर जा पहुंचा था. जिसके बाद आरबीआई ने महंगाई पर काबू पाने के लिए तीन चरणों में 1.40 फीसदी रेपो रेट को बढ़ा दिया. कमोडिटी और कच्चे तेल के दामों में कमी के बाद अब खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर आ पहुंचा है.
वैसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das) ने पहले भी कह चुके हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही ( अक्टूबर से मार्च के बीच) में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था की दिक्कतें कम होंगी. उन्होंने संकेत दिए कि महंगाई में कमी आने पर आरबीआई को कठोर मॉनिटरी पॉलिसी वाले फैसले लेने की दरकार नहीं पड़ेगी.
दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को सप्लाई चेन में दिक्कतों, कमोडिटी दामों में तेजी और रूस के यूक्रेम पर हमले से पैदा हुए दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. भारत में भी इन कारणों के चलते महंगाई दर इस वर्ष के शुरुआत से ही आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा रहा है जिसके चलते आरबीआई को 1.40 फीसदी रेपो रेट को बढ़ाना पड़ा है. इसके चलते कर्ज महंगा हो गया है.
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